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कैसे एक पल में ही टूटकर बिखर जाते हैं न। कुछ पल क

कैसे एक पल में ही टूटकर बिखर जाते हैं न। 
कुछ पल काट सँग,दूजे पल बिक जाते हैं न। 
बदलते रहते है अपनी पसंद और चाहत को! 
इश्क़ का नाम देकर बहलाते कितनों को न। 

एक ज़िंदगी के दिन कितने कम है देखो न।
सुकूँ भरी ज़िंदगी जीने को कम सदियाँ भी।
कभी डूबा मौज में एक-एक लम्हा देखो न।
कभी किसी और के ख़ातिर मिट जाते भी! 

क्या सच से ज्यादा अहम है झूठे इश्क़ की? 
क्या उनकी क़दर नहीं  जिसने दी  ज़िंदगी? 
या फ़िर ज़रूरी है वो जिसने अपनाया नहीं? 
मरकर जिंदा रहती है अहमियत उसकी ही। 

चलो एक मन्नत कर लें हमसब ख़ुद के हक़ में। 
जितनी बची है साँसें उसे अपने लिए ही जी लें। 
ख्वाहिशें कम कर लें उम्मीदें बस ख़ुद से रखें। 
जान की क़ीमत लगा ना सके,ऐसी क़ीमत रख लें। ♥️ Challenge-707 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
कैसे एक पल में ही टूटकर बिखर जाते हैं न। 
कुछ पल काट सँग,दूजे पल बिक जाते हैं न। 
बदलते रहते है अपनी पसंद और चाहत को! 
इश्क़ का नाम देकर बहलाते कितनों को न। 

एक ज़िंदगी के दिन कितने कम है देखो न।
सुकूँ भरी ज़िंदगी जीने को कम सदियाँ भी।
कभी डूबा मौज में एक-एक लम्हा देखो न।
कभी किसी और के ख़ातिर मिट जाते भी! 

क्या सच से ज्यादा अहम है झूठे इश्क़ की? 
क्या उनकी क़दर नहीं  जिसने दी  ज़िंदगी? 
या फ़िर ज़रूरी है वो जिसने अपनाया नहीं? 
मरकर जिंदा रहती है अहमियत उसकी ही। 

चलो एक मन्नत कर लें हमसब ख़ुद के हक़ में। 
जितनी बची है साँसें उसे अपने लिए ही जी लें। 
ख्वाहिशें कम कर लें उम्मीदें बस ख़ुद से रखें। 
जान की क़ीमत लगा ना सके,ऐसी क़ीमत रख लें। ♥️ Challenge-707 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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nehapathak7952

Neha Pathak

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