White मौज की कश्ती को किनारे की ज़रूरत नहीं, तुम साथ हो तो मुझे सहारे की ज़रूरत नहीं। मेरी आँखें ताउम्र अगर देखती रहे जो तुम्हें, फिर मुझे खुबसूरत नज़ारे की ज़रूरत नहीं। ©एस पी "हुड्डन" #ज़रूरत_नहीं