इश्क़ की राह आसाँ होती तो क़दीम क़िस्सों का ज़िक्र न होता। न तो कोई मुसाफ़िर तन्हा होता और ना ही किसी का हिज्र होता। #कोराकाग़ज़ #क़दीम #collabwithकोराकाग़ज़ : क़दीम- पुराना : शुभरात्रि साथियो।