Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिल मे अरमानों की चादर सजा जब सजन के घर को चले थे।

दिल मे अरमानों की चादर सजा
जब सजन के घर को चले थे।
नहीं मालूम था कि साथ ,
अपना कफ़न भी ले चले थे।
फूलों की सेज पर कई ,
बिच्छूओं के डंक से चूभे थे।
आंखों से आसूं लहू,
बनकर गिरे थे।
सपनों के राजा,
 नशे मे धुत मिले थे।
हमसफर बनकर साथ चलने वाले,
चलने के लिये सहारा ढूंढ़ रहे थे।
जीवन की सच्चाई तो 
ओढी हुई टाट का कंबल थी।
लगे हुए जिस पर गुलाबी
मखमल के पेबंद थे।।

©Sneh Sharma कंबल मे पेबंद

#intimacy
दिल मे अरमानों की चादर सजा
जब सजन के घर को चले थे।
नहीं मालूम था कि साथ ,
अपना कफ़न भी ले चले थे।
फूलों की सेज पर कई ,
बिच्छूओं के डंक से चूभे थे।
आंखों से आसूं लहू,
बनकर गिरे थे।
सपनों के राजा,
 नशे मे धुत मिले थे।
हमसफर बनकर साथ चलने वाले,
चलने के लिये सहारा ढूंढ़ रहे थे।
जीवन की सच्चाई तो 
ओढी हुई टाट का कंबल थी।
लगे हुए जिस पर गुलाबी
मखमल के पेबंद थे।।

©Sneh Sharma कंबल मे पेबंद

#intimacy
snehsharma6032

Sneh Sharma

New Creator