खूब लड़ी मर्दानी वो तो रानी लक्ष्मीबाई को कों नहीं जानता ये वही रानी लक्ष्मीबाई है जिन्होंने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे आज भले ही वो हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी वीर गाथाएं हमें हौसला देती है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है और बचपन उनकी एक कविता पढ़ी थी जो आज भी याद है और हमेशा रहेगी क्यों की इस कविता से मुझे या किसी भी लड़की को यह हिम्मत और साहस मिलता है उस किवता की कुछ लाइन इस प्रकार है चमक उठी सन 57में वो तलवार पुरानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी #ranilakshmibaiPrernadayivyaktitwa#