ईश्क़ की किताब में वो ग़ुलाब का फूल हमारे लिए जिंदगी था बापू के लिए फ़िजूल। जब जिंदगी की कढ़वी हक़ीक़त से रूबरू हुए अपने बच्चों के लिए बना डाला हमने भी वही असूल इश्क़ की किताब में वो गुलाब का फूल आज भी बच्चों के लिए जिंदगी बापू के लिए फ़िजूल। गुलाब का फूल