फिर से ये बादल बरस रहे हैं । फिर से याद में हम तड़प रहे हैं।। ये कड़कती बिजली की आहट दिल मे लाखों अरमान मचल रहे हैं। ना बरसो मेघा इतने तुम, हम दूर सनम से रह रहे हैं।। ये काली घटा ये अनोखी छटा देखो हम कितना डर रहे हैं।। ये क्वार की ठंडी ठिठुरन में वियोग में जेठ से जल रहे हैं।। एक चांद छिपा लिया है तुमने एक चांद को हम तरस रहे हैं।। अब मान भी जाओ रैन हो चली देखो "सत्य" के नैना भी बरस रहे है। सत्य (अंजान राही) ©सत्य.. अब ना बरसों..... ☺️❣️ #rain #poem #Love #सत्य् #Nojoto #raindrops