अनासिर-ए-वक्त की तदबीर यही है, आह रब्त-ओ-ज़ब्त की बे-तासीर नहीं है, और तबाही को अपनी क़हर ना समझो, अब्र-ओ-दरख़्त की तर्ज़-ए-तक़रीर यही है.... #अनासिर #आह #तबाही #तर्ज़_ए_तकरीर #अब्र_ओ_दरख़्त #शायर_ए_बदनाम