Nojoto: Largest Storytelling Platform

छिन गया बचपन कहां लाचारगी पूछे। हाथ में कश्कोल क्

छिन गया बचपन कहां लाचारगी पूछे। 
हाथ में कश्कोल क्यों है मुफ़्लिसी पूछे। 

जिन लकीरों पे उसे इतना भरोसा था
उन लकीरों ने दिया क्या ज़िंदगी पूछे। 

जो समंदर बीच रहकर भी रहा प्यासा
आब की कीमत उसी से हर नदी पूछे। 

वो हवस का शह्र है उस ओर मत जाना
जो गए वो खप गए क्यों दिल्लगी पूछे। 

क़ाफ़िया सुंदर था उसका बह्र भी कामिल
फिर ग़ज़ल में दोष क्योंकर शायरी पूछे। 

पुर-ख़तर रस्तों में भी खुद पा गए मंज़िल
मील का पत्थर कहाँ है आलसी पूछे। 

तुम कहां तक साथ मेरे जाओगी 'मीरा' 
इश्क़ में डूबी हुई दीवानगी पूछे। #छिन गया बचपन कहां 😓
छिन गया बचपन कहां लाचारगी पूछे। 
हाथ में कश्कोल क्यों है मुफ़्लिसी पूछे। 

जिन लकीरों पे उसे इतना भरोसा था
उन लकीरों ने दिया क्या ज़िंदगी पूछे। 

जो समंदर बीच रहकर भी रहा प्यासा
आब की कीमत उसी से हर नदी पूछे। 

वो हवस का शह्र है उस ओर मत जाना
जो गए वो खप गए क्यों दिल्लगी पूछे। 

क़ाफ़िया सुंदर था उसका बह्र भी कामिल
फिर ग़ज़ल में दोष क्योंकर शायरी पूछे। 

पुर-ख़तर रस्तों में भी खुद पा गए मंज़िल
मील का पत्थर कहाँ है आलसी पूछे। 

तुम कहां तक साथ मेरे जाओगी 'मीरा' 
इश्क़ में डूबी हुई दीवानगी पूछे। #छिन गया बचपन कहां 😓