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#OpenPoetry अक्सर अकेले बैठ हम, सोचा यूँ करते थे ।

#OpenPoetry अक्सर अकेले बैठ हम, सोचा यूँ करते थे ।
क्यों किस्मत में अपनी उलझें यूँ रहते थे।

क्यों भीड़ में सैर कर अकेलापन लगता था,
क्यों हम इतना बोलते और दिल चुप से रहता था।

सवाल तो थे कई , पर देता उत्तर कौन?
 तुमसे भी क्या आस करे, जब दुनिया ही थी मौन। #openpoetry
#nojoto
#hindi
#alfaaz_e_meraj
#OpenPoetry अक्सर अकेले बैठ हम, सोचा यूँ करते थे ।
क्यों किस्मत में अपनी उलझें यूँ रहते थे।

क्यों भीड़ में सैर कर अकेलापन लगता था,
क्यों हम इतना बोलते और दिल चुप से रहता था।

सवाल तो थे कई , पर देता उत्तर कौन?
 तुमसे भी क्या आस करे, जब दुनिया ही थी मौन। #openpoetry
#nojoto
#hindi
#alfaaz_e_meraj