कौन सा बंधन है जिससे खुद-ब-खुद बंध गई हूँ मै क्यों यह सिंदूरी रेखा दिलाती है एहसास कि मैं तुम्हारी रहूँगी सदा एक नहीं सात जन्मों तक चाहत है तुम्हें सिर्फ़ तुम्हें पाने की किन्तु तुम पर क्यों नहीं नजर आता मेरे बस मेरे होने का एक भी चिह्र्न-?? (मन पखेरू काव्य संग्रह से) चिन्ह