उसके फरेब को मैं को मैं मोहब्बत समझ बैठा हां एक बेवफा को मैं दिल दे बैठा उसके लिए मैंने हसीन ख्वाब सजाए थे ,वो मेरे ख्वाबों को चकनाचूर कर बैठा हां एक बेवफा को मैं दिल दे बैठा मैं नासमझ था, उसकी चाल को समझ ना पाया जो यह गुनाह कर बैठा हां एक बेवफा को मैं दिल दे बैठा दिल दे बैठा अंकित कुलढ़े #waiting Suman Zaniyan