कितने ही अपने रूठ जाएँ, कितने ही सपने टूट नजाएँ, कितनी ही मुसीबत नअाए, कितने ही हौंसले छूट जाएँ, मंज़िल की तरफ बढ़ते जाएँ, पथ पर ही बस चलते जाएँ। कि थकना अब नहीं मना है, फिर भी नहीं हँसना मना है। आज कल की स्ट्रेस भरी लाइफ़ स्टाइल में हँसना तो मना ही है। ऐसे में एक लेखक ही कोई जादू करे तो कुछ हो। अपनी लेखनी के जादू से हँसाइये। हास्य-व्यंग्य लिखें। #हँसनामनाहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi