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मोहब्बत थी, इसलिए सरकारी दफ्तर का बाबु बन गया.. अ

मोहब्बत थी, इसलिए सरकारी दफ्तर का बाबु बन गया.. 
अगर जिद्द होती, तो तुम्हारे हाथों में मेरी किताब होती। 
- श्रवण सिंह मोहब्बत थी, इसलिए #सरकारी दफ्तर का #बाबु बन गया.. 
अगर जिद्द होती, तो तुम्हारे हाथों में मेरी किताब होती। 
- श्रवण सिंह
मोहब्बत थी, इसलिए सरकारी दफ्तर का बाबु बन गया.. 
अगर जिद्द होती, तो तुम्हारे हाथों में मेरी किताब होती। 
- श्रवण सिंह मोहब्बत थी, इसलिए #सरकारी दफ्तर का #बाबु बन गया.. 
अगर जिद्द होती, तो तुम्हारे हाथों में मेरी किताब होती। 
- श्रवण सिंह