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तुम संग रहे साँस की आस बनी रही, ओह, यूँ कहा चल दि

तुम संग रहे 
साँस की आस बनी रही,
ओह, यूँ कहा चल दिए 
जिंदगी जीने की ख्वाहिश 
छीन कर मेंरे हिस्से की।।
                      🍂रा.जि.कुमार,
                           सासाराम।

©Rajiv Jiya Kumar
  #दिल की बात

#दिल की बात #ज़िन्दगी

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