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White हम पीछे मुड़कर नहीं देखते अपने जाते हुए किसी

White हम पीछे मुड़कर नहीं देखते अपने जाते हुए किसी मित्र को प्रेम तो अटूट होता है 
पर उनसे डर लगता है मुझे कही मुझसे कुछ छूट न जाए कही आंसू की धारा बह न जाए क्योंकि बह जाने के बाद सब कठोर पत्थर की तरह हो जाते हैं जैसे नदिया के बह जाने से पहाड़ चट्टान बन जाते है कठोर हो जाते है हमें बदलना नहीं है मनुष्य को निर्मल और सरल होना चाहिए।।

©राधे राधे #mountain 
#Quote
White हम पीछे मुड़कर नहीं देखते अपने जाते हुए किसी मित्र को प्रेम तो अटूट होता है 
पर उनसे डर लगता है मुझे कही मुझसे कुछ छूट न जाए कही आंसू की धारा बह न जाए क्योंकि बह जाने के बाद सब कठोर पत्थर की तरह हो जाते हैं जैसे नदिया के बह जाने से पहाड़ चट्टान बन जाते है कठोर हो जाते है हमें बदलना नहीं है मनुष्य को निर्मल और सरल होना चाहिए।।

©राधे राधे #mountain 
#Quote