जिन्होंने तुम्हें सताया है हास्य का पात्र बताया है तुम्हारी मां को रुलाया है! अपनी सोच को आकाश से भी ऊंची कर , कदम,कदम सोच-समझकर चल , उन्हें तू दिखा देना , कुछ बड़ा करके दिखाना! अगर दर्द मिला हो जीने में आग लगी हो सीने में। अगर तूने मेहनत की , फिर भी फल ना पाया है, एक लक्ष्य के लिए , अपना सब कुछ लुटाया है, तो उठ खड़ा हो ज्वाला बन , अगर दर्द मिला हो जीने में आग लगी हो सीने में। ✍️M.S.K ©KANYAL अगर दर्द मिला हो जीने में आग लगी हो सीने में। अगर तूने मेहनत की , फिर भी फल ना पाया है, एक लक्ष्य के लिए , अपना सब कुछ लुटाया है, तो उठ खड़ा हो ज्वाला बन , अगर दर्द मिला हो जीने में आग लगी हो सीने में।