किसी से कुछ कह नहीं पाती इसलिए लिखना अच्छा लगता है हर किसी के आगे रो नहीं सकते इसलिए हर किसी के सामने हंसना अच्छा लगता है अगर होती इजाज़त हमें भी सपने देखने की तो हम भी रातों को चैन से सो पाते पर यहां तो कोई हमारी नींदों में अपने ख्वाब पीरोते है 2 गज की जमीन का टुकड़ा हमारे नाम करके हमारी पूरी जिंदगी की जमीन पर अपनी इज्जत की इमारत तैयार कर लेते हैं बेटी पैदा होते ही उसे अपनी पगड़ी की शान रखने वाला सामान कहते हैं करे हम सब इनके मन का तो हमें बड़ाई होगी इक मुट्टी अपने खाव्बों का मांग लू तो इनकी जग हँसी होगी नाजाने कब वो दौर आएगा जब इन छोटी सोच वाले माँ बाप को समाज से ज्यादा अपने अंश का मोल समझ आएगा......... #Anjalirajkumarsharma मेरे बीते वक़्त की याद............