#इमारत_का_पोस्टमाॅर्टम बडी मशहूर थी तुम चर्रचे थे अखबारों में तेरे से दाँए, तेरे से बाँए तेरे से सीधा बताकर भेजते थे हम मुसाफिरों को घर गली गलिआरों में हर बरस पटाती थी तू करवाती भी थी मिलता था कागज तुझे बचते थे पैसे, तेरे मालिक के पर जरजर हो गई तू उसी मरम्मत टैक्स में इक झोके से छींक से किसी के इक कंपन से धराशायी हो गई मिंटों में दबाव है मुझ पर बता बता क्या लिखूं, क्या लिखें पोस्टमार्टम में चार गवाह लाया है मालिक अब तेरा पगलाया है के क्या लिखाउं गवाही में सीमेंट बालू दिखाउं ज्यादा के उसने छींका भरदम बस ना फसूं कार्यवाही में मैं पूछूं बस तू बता किससे कब कब हुई खता तुझको अपंग बनाने में पूरा सरिया रेत और गारा ठूंसू मालिक के पिछवाड़े में ये मालिक खडा निहत्था है की मासूमों कि हत्या है मैं नहीं जानता सिविल इंजीनियरिंग क्या कम क्या ज्यादा है इस इमारत के पोस्टमार्टम में भ्रष्टाचार हत्यारा है #साधारणमनुष्य #Sadharanmanushya #Accident #BuildingCollapse #Curroption ©#maxicandragon #इमारत_का_पोस्टमाॅर्टम बडी मशहूर थी तुम चर्रचे थे अखबारों में तेरे से दाँए, तेरे से बाँए तेरे से सीधा बताकर भेजते थे हम मुसाफिरों को घर गली गलिआरों में