राहों में बिछे थे फूल जो अब कंटक हो गए, तुम्हारी याद में मन चंदन वन घंटक हो गए, कहाँ से लाऊँ मैं वो चंद्रमा जो तेरे जैसा हो, ख़त्म हुए ज्योंही बंधन सब विकंटक हो गए। 96/365 #yqdidi #yqhindi #yqpoetry #napowrimo #moonshine #हमसफ़र