दुनिया की भीड़ में गुम थे हम,एक अलग पहचान बनाने के लिए अब हम आशियाना छोड़ आए । अब सपनों का टूटना गवारा नहीं हमें , हम अपनों को भी पिछे छोड़ आए l अब दारिया के किनारों का सुकून नहीं भाता हमें, समंदर के तूफ़ान में हम कश्ती ले आए l अब तो डूबेंगे यां पार होंगे परवाह नहीं बस ख़्वाब हमारें मंजिल ए मुक्कमल जो कर पाए l ©Dr.Javed Sikandar #Goals #Dreams #Life #Nojoto