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मन्नतों मैं सिर्फ़ , तुम्हें ही मांगता था हर दिन।

मन्नतों मैं सिर्फ़ ,
तुम्हें ही मांगता था हर दिन।
तुम्हारे सिवा, मैं और
 कुछ नहीं चाहता था रब  से।

जी भर के तुम्हें ,
प्यार  करूंगा  मैं  एक  दिन,
इसी घड़ी का इन्तजार
 था, न  जाने  मुझे  कब  से।

तुम्हें पता नहीं है,
 मैं  तुम्हें  चाहता  हूं  कब से।
देखा था एक बार,
तुम्हें तुम्हारी मां के साथ तब से।।

©Anuj Ray
  # मैं तुम्हें चाहता हूं कब से"
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator

# मैं तुम्हें चाहता हूं कब से" #लव

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