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ख्वाब बंद आंखों वाली पूरी नहीं होती। खुदा को भूलकर

ख्वाब बंद आंखों वाली पूरी नहीं होती।
खुदा को भूलकर, ज़मीर अपना बेचकर,
सही कामयाबी हासिल नहीं होती।।
 
                 -yasmin insaaniyat na beche!
ख्वाब बंद आंखों वाली पूरी नहीं होती।
खुदा को भूलकर, ज़मीर अपना बेचकर,
सही कामयाबी हासिल नहीं होती।।
 
                 -yasmin insaaniyat na beche!
yasminchoudhury9248

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