Nojoto: Largest Storytelling Platform

# "बैठे-बैठे हम तो, यूँ ही मुस्कु | English Poetry

"बैठे-बैठे हम तो,
यूँ ही मुस्कुराए जाते हैं;
अदाएँ ये हमारी समझकर वो,
रंग प्यार के बिखराए जाते हैं।

बतलाए भी तो कोई कि,
क्या बतलाएँ उन्हें;
प्यार के उनके इन रंगों में घुलकर,

"बैठे-बैठे हम तो, यूँ ही मुस्कुराए जाते हैं; अदाएँ ये हमारी समझकर वो, रंग प्यार के बिखराए जाते हैं। बतलाए भी तो कोई कि, क्या बतलाएँ उन्हें; प्यार के उनके इन रंगों में घुलकर, #Poetry #AnjaliSinghal

54 Views