यहाँ कदम जरा हौले रखना यहाँ लाल मेरे कुछ सोए हैं, दाग मेरे आंचल से जिसने खून से अपने धोए हैं। शोर नहीं करना कि वो मीठे सपनों में खोये हैं, करगिल के दुर्गम रस्तों पर हिफाज़त के भार जिन्होंने ढोए हैं।। करगिल विजय दिवस