कौन जाने कब मौत का पैगाम आ जाए, ज़िंदगी की आखरी शाम आ जाए, हमे तो इंतजार है उस शाम का जब हमारी ज़िंदगी किसी के काम आ जाए। //बिकाश सिंह// #weather Jiyo to dusro ke liye apne liye jiye to kya jiye.