चले आओ अब बहुत हो चुकी आँख-मिचोली तुम्हारी बहुत हो चुकी नाराज़गी तुम्हारी चले आओ अब...कि बहुत देर हो चली है बिन तुम्हारे अब शाम भी डरा रही है 'अमावस्या' की कल्पना भयभीत कर रही है चले आओ अब...कि सब 'सूना' लग रहा है जीवन में 'नीरसता' पसर रही है तुम्हारी एक मुस्कान को नज़रें तरस रही हैं चले आओ अब...कि बहुत देर हो चुकी है....! मुनेश शर्मा (मेरे❤️✍️) चले आओ, चले आओ... #चलेआओ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi