"गाओ ना" रुको कहाँ जा रहे हो ? मन करता है रख लूँ तुम्हे उस बच्चे की तरह ... रूक क्यों गए ? तुम्हारे लफ्ज़ जो किसी की यादों को बयाँ करते हैं , गाओ ना गाते जाओ । कभी भी अकेला नहीं छोड़ते तुम मुझे , चाय भी पीता हूँ तो तुम्हारे नाम से मीठी लगती है । इसलिए कह रहा हूं गाओ ना ... #लप्रेक ©परीक्षित #Yaari