" काली रातों की आधी नींदें " सांस से सांस मिलकर जो बढ़ जाए दो गहरी सांसों की, आधी नींदें वो लंबी राहतें, वो बहकती हालतें दो ठहरी ख्वाहिशों सी, आधी नींदें जो सारी रैन जगाए, भोर दिखाए दोपहरी को सुध में होती, आधी नींदें हदों से परे, खुले आसमां सी हसरतें दो सुनहरी आजाद, आधी नींदें एक और एक यूं तो दो हुए, पर हमको पूरा महसूस करायें, आधी नींदें काली रातों सी, काली रातों की, काली रातों में, आधी नींदें! ©Swechha S काली रातों की आधी नींदें 💌 #24Dec #HalfSleep #Nind