सुनो ओ साथिया! हमने भी तेरा सदियों इंतज़ार किया है दूर तुमसे बिछड़कर हमने भी विरह झेला है लीजिए आज आप अपने मुझे मोहब्बत के गिरफ्त में दो पल में ही एक दूजे में समाहित होकर कर दें दूर आज हम सदियों की दिलों की दूरियाँ 💞🌼🌼लेखन संगी।🌼🌼💞 "सुनो न साथिया!! इक पल में सदी का मज़ा हम पर न्योछावर कीजिए। दो दिन के लिए सही मगर ज़िंदगी का मज़ा हम पर अबरार कीजिए।। कि--भूलना मुमकिन नहीं आपको जो मुद्दतों से बिछड़कर जी रहें थे हम, हासिल न हो यूँ, किश्तों में ख़ुदकुशी का मज़ा हम पर इसरार कीजिए।।" ✒Saiyahi@Rashmi