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क्या नसीब था मेरा,,, बचपन में बिना किसी पहचान के

क्या नसीब था मेरा,,, 

बचपन में बिना किसी पहचान के 💚उसे💚 रोज सुकून से देख भी सकता था.... 

चाहु तो होली में उसके रंग में रंग भी सकता था... 

और उसे मेरे रंग में रंगा भी सकता था...!!


और अब वक्त के करवटो ने कुछ यू
मेरे नसीब को पलटा है
की,,, 

💚उसे💚 पहचान है पर आंखे उसके दीदार को तरस रही है... 

आस है,
पर उसके रंग में रंगने की प्यास ना बुझ रही है....

हातों में गुलाल है,
पर उसके गालों के इंतजार में हर साल होली बस यूंही गुज़र रही है...!! जाओ जाके मेरी उस रंगो की होली से पूछो,
की कितनी बेरंग सी है 💚तुम्हारे💚 बगैर...!!



#twentysecondthquote 
#berang_ishq 
#holi2021
क्या नसीब था मेरा,,, 

बचपन में बिना किसी पहचान के 💚उसे💚 रोज सुकून से देख भी सकता था.... 

चाहु तो होली में उसके रंग में रंग भी सकता था... 

और उसे मेरे रंग में रंगा भी सकता था...!!


और अब वक्त के करवटो ने कुछ यू
मेरे नसीब को पलटा है
की,,, 

💚उसे💚 पहचान है पर आंखे उसके दीदार को तरस रही है... 

आस है,
पर उसके रंग में रंगने की प्यास ना बुझ रही है....

हातों में गुलाल है,
पर उसके गालों के इंतजार में हर साल होली बस यूंही गुज़र रही है...!! जाओ जाके मेरी उस रंगो की होली से पूछो,
की कितनी बेरंग सी है 💚तुम्हारे💚 बगैर...!!



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#holi2021