बचपन के दिन चार, ना आएंगे बार बार, जिले जिले मेरे यार, जेब खाली तो उधार। बचपना ।।।।😢😢😊😊😊 बचपन के वो दिन चार , याद आते हैं मुझे बार बार। दे जाते हैं नेत्रों में खुशियों की धार, बचपन के वो दिन चार।। वो खिड़कियों की सलाखों पर झूला, दीदी मुझे अभी तक न भूला। वो भईया के कंधे की सवारी,