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एक गुरु जी ही है जिन्होंने, धनुर्विद्या से परिचित

एक गुरु जी ही है जिन्होंने,
धनुर्विद्या से परिचित कराया।

खड़ा था समर में अकेला,
लड़ना सिखाया।

गुरु जी तपते रहे हैं जिन्दगी भर सूरज की तरह,
इस तापिश ने ही हम पत्थरो को कुन्दन बनाया।

घने अंधेरे में भटक रहा था मै,
खुद प्रकाश बनकर गुरु जी ने रास्ता दिखाया।

था बस मुठ्ठी भर ज्ञान मुझे,
गुरु जी ने पूरे ब्रह्मांड का बोध कराया।

                                       .......... आनन्द #गुरु_जी
#आनन्द_गाजियाबादी 
#Anand_Ghaziabadi
एक गुरु जी ही है जिन्होंने,
धनुर्विद्या से परिचित कराया।

खड़ा था समर में अकेला,
लड़ना सिखाया।

गुरु जी तपते रहे हैं जिन्दगी भर सूरज की तरह,
इस तापिश ने ही हम पत्थरो को कुन्दन बनाया।

घने अंधेरे में भटक रहा था मै,
खुद प्रकाश बनकर गुरु जी ने रास्ता दिखाया।

था बस मुठ्ठी भर ज्ञान मुझे,
गुरु जी ने पूरे ब्रह्मांड का बोध कराया।

                                       .......... आनन्द #गुरु_जी
#आनन्द_गाजियाबादी 
#Anand_Ghaziabadi