रवायते इश्क़ करने की तुम्हारे घर में न थी शायद, वरना यूं मेरा तुमसे बात करना तुम्हें असहज न करता मगर, इश्क़ की कोंपले तुम्हारे अंदर उग रही है बेशक, क्योंकि,यूं तुम्हारा अमलतास के फूलों को पसंद करना महज संयोग नहीं © Abhijeet Yadav #Bloom #love #ishk #hindipoetry रवायते इश्क़ करने की तुम्हारे घर में न थी शायद, वरना यूं मेरा तुमसे बात करना तुम्हें असहज न करता