हाँ ये सच है,ज़िन्दगी इम्तिहान लेती है हर रिश्तों को आज़मा कर,हर दोस्ती को आग में जला कर,हर टूटे हुए हिस्से को फ़िर से गिरा कर,हर थके हुए पाँव को मीलों तक चला कर,हर परिंदे के पंख को मुरझा कर,हर ख़्वाब देखने वाली आँखों को जगा कर,हर आँखों के आँसू को सूखने तक बहा कर, पर ज़िन्दगी की हक़ीक़त ये है ज़िन्दगी इंसान की ज़िंदान सी फ़ितरत को परवाज़ का रास्ता दिखाती है,ज़िन्दगी धूप सी जल कर सारी उम्र के लिए रौशनी दे जाती है,ज़िन्दगी एक पिता की तरह डाँट कर एक माँ की तरह सिखाती है,ज़िन्दगी अगर आँसू निकलवाती है तो यही ज़िन्दगी हमें ख़ुद की रूह से भी मिलाती है,ज़िन्दगी हमें ख़ुद पर मौक़ूफ़ होना सिखाती है,ज़िन्दगी हमें दिल से मुस्कुराने के क़ाबिल बनाती है,ज़िन्दगी हर खौफ़ से गुज़र कर बेख़ौफ़ सी हो जाती है ,ज़िन्दगी मुंतज़िर रहती है हमारे नज़रिये को बदलने की ,ज़िन्दगी वजह ढूँढती है हमारी ज़िंदगी बनने की ज़िन्दगी वजह ढूँढती है हमारी ज़िंदगी बनने की।। #Talat Arooz ©Talat Arooz #AloneInCity