जिंदगी थोडी है , हर पल मैं खुश हुँ। काम मैं खुश हुँ , आराम मैं खुश हुँ। पनीर नही तो दाल मैं खुश हुँ। दोस्त पास नही है , तो अकेले ही खुश हुँ। कोई नाराज है उसकी इस अदा मैं ही खुश हुँ। कल तो बित चुका है , उसकी मीठी याद मैं खुश हुँ। और कल अभी आया नही है , उसके इंतजार मैं खुश हुँ। गाडी नही तो , पैदल ही खुश हुँ। अगर ये पंक्ती अच्छी लगी , तो जवाब दे देना। और जवाब नही भी दोगे ,तब भी खुश हुँ.। -निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी। #nirankaripoem