बेचैनी की हालत में, मुज़रिम गया अदालत में, गलती कर पछताया भी, जानें गई अदावत में, बना सियासत का मोहरा, जख़्मी हुआ बगावत में, जाँच प्रणाली का हिस्सा, पकड़ा गया मिलावट में, है फिजूलखर्ची कितनी, पैसा ख़र्च सजावट में, चित्रकार लगता कोई, दिखता हर्फ़ लिखावट में, जान नहीं पाया ख़ुद को, बीता वक़्त तिजारत में, कितने राज़ दफ़्न 'गुंजन', जर्ज़र हुए इमारत में, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #बीता वक़्त तिजारत में#