एक ही इश्क़ बाकी था वो भी आम हो गया,,गुजरा था जिस रास्ते उसका नाम लेकर,वो मोहब्बत का रास्ता ही बदनाम हो गया. पहुंच थी उसकी मेरे दिल के हर कोने तक,,मारी चोट उसने अंदर तक,,टूटा दिल फिर टूट टूट के बेजान हो गया. सूखे पत्ते की समझ आगयी औक़ात मुझे,,जो तपती गर्मी में जल जल के उसके नाम हो गया. कैसे समझाता आते तूफान को,,में छोटा सा एक परिंदा वो हवा का बवंडर मेरा कब्रिस्तान हो गया. #december#heartbeat#love#tutadil#nojotonews#nojotohindi#poetry#quotes#hindishayari#punjabishayari हरेंद्र कुमार