White उसकी डायरी के पन्नों में -एक पेज हमारा था यही सोचकर हमने तन्हा -जिंदगी को गुजारा था कोई मुश्किल भी नहीं था - कर लेना उसको हासिल उसकी चाहत ने भी तो किया मुझको इशारा था सोचता हूं मैं जो उसको तो सोचता ही रह जाता हूं पास मेरे उसकी यादों का एक खूबसूरत पिटारा था बिछड़ते वक्त मेरे हिस्से में -उसकी वही डायरी आयी "हां तुम मेरे हो " लिखकर वही एक पेज फाड़ा था बाद मुद्दत मेरे कानों में- उनकी आवाज जो गूंजी थी बता तुमने मोबाईल को संजय-कितनी देर निहारा था ©संजय श्रीवास्तव #Thinking