मैं न प्रेम हूँ प्रसंग हूँ न आश हूँ उमंग हूँ तेरे मन मस्तिष्क कि सोच का मात्र एक अंश हूँ! . . . मैं न कल था न कल हूँ मैं आज मे मद मस्त हूँ मैं तेरी जीत तेरी हार तेरा संसार हूँ!! मैं शाम दाम दंड भेद कर्म मे प्रचंड हूँ तेरे धूर्त कार्य काले कर्म का घमंड हूँ!! ... . न जीत हूँ न हार हूँ जिंदगी का सार हूँ! वेवाक दुनिया में निर्मित घोर श्राप हूँ घमंड हूँ घमंड हूँ मैं अत्यधिक प्रचंड हूँ!!!!! ...... @mit vermn मैं न प्रेम हूँ प्रसंग हूँ न आश हूँ उमंग हूँ तेरे मन मस्तिष्क कि सोच का मात्र एक अंश हूँ! . . . मैं न कल था न कल हूँ मैं आज मे मद मस्त हूँ मैं तेरी जीत तेरी हार तेरा संसार हूँ!!