लगता था कभी सातवें आसमान पर हूँ पर दिखावे वाले शहर के इक मकान पर हूँ नई किताब पढ़ाई किसी ने प्यार के उजाले की पढ़कर बहका फिर मालूम हुआ, मैं अँधकार पर हूँ मिले फुर्सत तो टटोलना अपनी कमीज की जेब को वही रहता है तुम्हारा दिल, मैं खड़ा उसी-के द्वार पर हूँ कभी तोलना मेरे इश्क की गहराई को तराजू पर झुकेगा जिधर तराजू, मैं उसी पलड़े के भार पर हूँ यू तो अपना किरदार बहुत सच्चा निभाया मैंने मेरा किरदार है कतार पर, मैं स्याही दवात पर हूँ ये ना समझना कि पीड़ा नहीं होती अगर मैं चुप रहूँ मेरा कर्म है इबादत, मैं अपने कर्त्तव्य मार्ग पर हूँ मौहब्बत के धुँधले किस्से अब रास ना आएगें अब वही बने मेरा, बेशर्त मैं जिसकी जुबान पर हूँ -भKत ©Vikas Bhakt #Dark #vikasbhakt #viral #love #BreakUp #shayari #gazal #viral2022 #Instagram #Facebook