सोचा तुझे लफ़्ज़ों में बयां करूँ मगर ये हो ना सका सोचा तुझे अश्कों में बयां करूँ मगर ये हो ना सका फिर सोचा तुझे कैसे बयां करूँ मगर ये सोच ना सका साहिल कुमार सागर सोचा तुझे लफ़्ज़ों में बयां करूँ मगर ये हो ना सका सोचा तुझे अश्कों में बयां करूँ मगर ये हो ना सका फिर सोचा तुझे कैसे बयां करूँ मगर ये सोच ना सका