वाकिफ़ है सभी, इस ख़बर से, "ख़ैर छोड़ो" बच सका है कौन यहाँ क़ब्र से, "ख़ैर छोड़ो" अमीरों के घर तो 'खुदा' कब का चला गया युहीं बैठे है यहाँ फ़कीर जब्र से, "ख़ैर छोड़ो" सचिन मैथिल 'त्यागी' मेरी पंक्तियाँ