ऐसी तुलना का मूल कारण शक्ति की आकांक्षा में निहित है कैसे मैं दूसरों से ज्यादा शक्तिशाली हो जाऊं हम दूसरों से बड़े हो या बिल्कुल आवश्यक नहीं है आवश्यक तो यह है कि हम स्वयं से छूटे ना हो भरत श्रीराम के सम्मान महान नहीं थे किंतु उनकी महानता यही थी कि वह अपने आप में महान थे अपने जैसे होने में ही आत्म गरिमा है हम दूसरों के गुणों उनकी उपलब्धियों का सम्मान तो सदैव करना चाहेंगे किंतु बने रहने दो सदैव अपने जैसा ही है दूसरों से तुलना करना एक प्रकार से स्वयं को दुख देना ही है हमसे हम अपनी विशेषताओं का भी आनंद नहीं उठा पाते अपने जीवन को अपनी इच्छाओं के अनुरूप बनाने के लिए हमें परिणामों से ऊपर उठना होगा ©Ek villain #Dark #अपने जीवन को अपनी इच्छाओं के अनुरूप बनाने के लिए हमें परिणामों से ऊपर उठना होगा