कब तलक चराग़ ए क़िस्मत जलेगा नहीं, मैं खोटा सिक्का हूं क्या, जो चलेगा नहीं, चांद और सूरज को भी ग्रहण लग जाते हैं, मुश्किल है वक्त मेरा तो क्या बदलेगा नहीं.. ©Sarfaraj idrishi #pen कब तलक चराग़ ए क़िस्मत जलेगा नहीं, मैं खोटा सिक्का हूं क्या, जो चलेगा नहीं, @ClassyPoetry Vimal Parag चांद और सूरज को भी ग्रहण लग जाते हैं, मुश्किल है वक्त मेरा तो क्या बदलेगा नहीं..शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Praveen Storyteller