White मुझे मुझसा कोई दीवाना ना मिला । दिल तोड़ा गया मेरा पर हरजाना ना मिला ।। यूं तो ठिकाने शराब के बहुत है मगर । उसकी आंखों से बढ़कर कोई मयखाना ना मिला ।। मैंने मोहब्बत में सब कुछ गवा दिया अपना । पर उसकी यादों के सिवा कोई खजाना ना मिला।। हाल पूछने पर अक्सर मुस्कुरा देता हूॅं । दर्द छुपाने का दूसरा कोई बहाना ना मिला ।। मैंने बहुत ढूंढा ठिकाने मोहब्बत के मगर । सारे जहाॅं में वफा-ए आशियाना ना मिला ।। वर्षों से लिख रहा हूॅं मैं मोहब्बत की दास्तां । मगर अब तक किसी से मुझको नजराना ना मिला।। ©Prabhat Kumar #Moon