पदयात्रा ********* लौट आये घर को जो इकरोज निकले थे मजदूर काम की तलाश में, कुदरत की मार ऐसी पड़ी थी कि,गये थे जिसमें,लौटे उसी लिबास में, सजग प्रहरी थे वो अपनो की भविष्य की खुशियों के इंतजार में, पर मौकापरस्त लोगो ने न समझा उनका दुख छोड़ दिया वीरान राह में, न घर न छत ऊपर से महामारी की मार निकल पड़े पदयात्रा को नंगे पांव न धूप देखा न छाँव, बेरत इस दुनिया निकली ये दुनिया,पैदल ही छाले लेकर पैरो में पहुंचे अपने गाँव। #साहित्यिक_सहायक #sanjaysheoran #ritiksheoran #कोराकाग़ज़ #मजदूर #महामारी