न होते फिर हम तन्हा और न तुम बेबस होते मनाने के लिए जो तुम्हारे पास कुछ लफ़्ज़ होते बिखर जाती कुछ खुशियाँ मेरे भी दामन में तुम अगर हमसें बेवजह यूँ जुदा नही होते न अश्क़ों से लिखी जाती दास्तां-ए-मोहब्बत अगर ज़ज़्बात इस दिल के कमजोर नहीं होते •●• जीएटीसी क्रिएटिविटी - ५ •●• 《चैलेंज: १०》 कोलाॅब कीजिए और ४-६ पंक्तियाँ पृष्ठभूमि में लिखें। और अपनी पूर्ण रचना को अधिकतम २० पंक्तियों में अनुशीर्षक में लिखें। ( अनुशीर्षक में लिखने के लिये कोई भी बाध्यता नहीं है। ) आपकी पृष्ठभूमि की पंक्तियों को आप अनुशीर्षक में दोहरा सकते हैं। अनिवार्य हैशटैग: