Tum se ek shikayat hai 🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤 मोहब्बत के उसूल अब कहाँ मोहब्बत में चलते हैं, बदलते दौर में अब लोग क्या कुछ नहीं बदलते हैं , बदलना ठीक है पर क्या बदलना इस तरह वाजिब लुटाकर आबरू जैसे जिस्म ये लिबाज बदलते हैं।🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤🖤 निखिल की कलम से। #इतना_बदलना_ठीक_नहीं।