अपने मूल स्वरूप को जाने बिना संसार में तुम जो भी करोगें, वो तुम्हें क़भी भी निरदुःख नहीं कर सकते हैं,क्योंकि तुम नाशवान वस्तुओं से शास्वत सुख की माँग रखते हो। ©Nityanand Gupta #NityanandGupta #rain